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दुनिया में अनेक देश हैं, और हर एक का अपना अलग कानून और नियम है। कुछ स्थानों पर छोटे अपराधों के लिए कड़ी सजा होती है, जबकि अन्य जगहों पर वही अपराध हल्के में लिए जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा देश भी है जहाँ गरीब होना एक अपराध माना जाता है? यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन यह सच है। स्विट्ज़रलैंड, जिसे दुनिया का सबसे समृद्ध और खुशहाल देश माना जाता है, में गरीबी को सामाजिक समस्या नहीं, बल्कि कानूनी अपराध समझा जाता है। यहां सड़कों पर भिखारी देखना लगभग असंभव है, क्योंकि स्विट्ज़रलैंड में भीख मांगना कई स्थानों पर प्रतिबंधित है और इसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।
आर्थिक समृद्धि का अनूठा उदाहरण
स्विट्ज़रलैंड दुनिया के सबसे समृद्ध और विकसित देशों में से एक है। यहां की औसत वार्षिक आय लगभग 70 से 75 लाख रुपये है, जो इसे समृद्ध देशों की सूची में शामिल करती है। यहां बेरोजगारी दर केवल 2% है, जिसका अर्थ है कि लगभग हर व्यक्ति के पास काम या आय का कोई साधन है। स्विस सरकार अपने नागरिकों के लिए एक मजबूत सामाजिक सुरक्षा प्रणाली चलाती है, जिसमें उच्च गुणवत्ता की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और कौशल विकास कार्यक्रम शामिल हैं। यही कारण है कि यहां लोग आत्मनिर्भर हैं और गरीबी लगभग समाप्त हो चुकी है। इसके अलावा, स्विट्ज़रलैंड में भीख मांगना कानूनी अपराध है, इसलिए सड़कों पर भिखारी दिखाई नहीं देते।
भीख मांगने पर स्विट्ज़रलैंड का कानून
स्विट्ज़रलैंड में भीख मांगना एक कानूनी अपराध है। जिनेवा जैसे बड़े शहरों में 2022 में एक नया कानून लागू किया गया, जिसके तहत भीख मांगते हुए पकड़े जाने पर जुर्माना या जेल की सजा हो सकती है। स्विट्ज़रलैंड के कई प्रांतों, जैसे जिनेवा और ज्यूरिख, में इस कानून को सख्ती से लागू किया गया है। वास्तव में, 2018 में जिनेवा में भीख मांगने पर रोक लगाने वाला कानून लागू हुआ था, जिसके बाद से यह प्रथा लगभग समाप्त हो गई है।
यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय का निर्णय
2021 में, यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय (ECHR) ने इस मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया। अदालत ने कहा कि यदि भीख मांगने पर अत्यधिक सख्ती की जाती है या मानवीय दृष्टिकोण नहीं अपनाया जाता है, तो यह मानवाधिकारों का उल्लंघन हो सकता है। इस निर्णय के बाद, स्विट्ज़रलैंड की अदालतों ने भी माना कि हर स्थिति में भीख मांगने को अपराध मानना उचित नहीं है, खासकर जब व्यक्ति मजबूरी में ऐसा कर रहा हो।
स्विट्ज़रलैंड की सामाजिक व्यवस्था
स्विट्ज़रलैंड की सामाजिक संरचना इस प्रकार विकसित की गई है कि हर व्यक्ति को जीवनयापन के लिए पर्याप्त साधन मिल सकें। यहां के नागरिक बचपन से ही आत्मनिर्भर रहना सीखते हैं। स्कूलों और कॉलेजों में वित्तीय शिक्षा का पाठ्यक्रम सामान्य रूप से पढ़ाया जाता है, जिससे व्यक्ति भविष्य के लिए आर्थिक रूप से तैयार रहते हैं।
यहां भ्रष्टाचार की दर बहुत कम है और प्रशासनिक पारदर्शिता इतनी प्रभावी है कि सामाजिक असमानता पनप नहीं पाती। स्विस समाज में भिखारियों को दया का नहीं, बल्कि सुधार का अवसर दिया जाता है। जरूरतमंद लोगों के लिए बेरोजगारी भत्ता, आवास सहायता और परामर्श केंद्र खोले गए हैं।
स्विट्ज़रलैंड की आर्थिक ताकत
स्विट्ज़रलैंड की समृद्धि का मुख्य आधार इसके उद्योग और वित्तीय संस्थान हैं। यहां दुनिया की सबसे बड़ी निवेश बैंकिंग कंपनियां, बीमा एजेंसियां और घड़ी निर्माण की प्रसिद्ध ब्रांडें (जैसे Rolex, Swatch, Omega) स्थित हैं।
इसके अलावा, स्विट्ज़रलैंड तकनीकी नवाचार का भी केंद्र है। यहां अनुसंधान केंद्रों में लाखों वैज्ञानिक काम करते हैं। कृषि, पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र भी समान रूप से मजबूत हैं। यही विविधता देश को आत्मनिर्भर और सामाजिक रूप से स्थिर बनाए रखती है।
अपराध दर और कानून व्यवस्था
स्विट्ज़रलैंड को एक अत्यंत अनुशासित और सुरक्षित देश के रूप में जाना जाता है। यहां अपराध दर दुनिया में सबसे कम है। पुलिस व्यवस्था न्यायपूर्ण और तेज़ है। यहां किसी व्यक्ति को सार्वजनिक स्थान पर असामाजिक व्यवहार या अनुचित गतिविधि के लिए तुरंत दंड मिल सकता है।
भीख मांगने से अधिक गंभीर अपराध यहां 'सामाजिक जवाबदेही से बचना' माना जाता है। सरकार हर नागरिक को यह जिम्मेदारी देती है कि वह समाज का उत्पादक हिस्सा बने। शायद इसी विचारधारा ने स्विट्ज़रलैंड को एक ऐसा देश बना दिया है जिसे 'भिखारी-रहित' कहा जा सकता है।
भारत और अन्य देशों के अनुभव
स्विट्ज़रलैंड में न केवल सख्त कानून बनाए गए हैं, बल्कि सामाजिक पुनर्वास की योजनाएं भी चलाई जाती हैं। जिन लोगों के पास घर या रोजगार नहीं होता, उन्हें सरकार की सहायता से पुनर्वास कार्यक्रमों के जरिए मुख्यधारा में वापस लाने की कोशिश की जाती है। इस प्रकार स्विट्ज़रलैंड में कानून की सख्ती और सामाजिक सहानुभूति दोनों का संतुलन देखने को मिलता है, जिससे वहां गरीबी और भीख मांगने जैसी समस्याएं लगभग समाप्त हो चुकी हैं।
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